Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
लवनिमेष महँ मारि Shiv chaisa गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में shiv chalisa lyricsl पावे॥